
(वात्सल्य भक्ति का अनुपम उदाहरण)
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
💞भावपूर्ण सत्संग :;सतगुरु को अपना बच्चा समझकर उनसे प्रेम करना 💞
बोलो जय कारा बोल मेरे श्री गुरु महाराज की जय। 🙏🙏🌹💐🌹
यह एक गाइडेड मेडिटेशन है जिसके द्वारा आप अपने श्री सदगुरुदेव भगवान जी का स्वरूप अपने हृदय में उतार सकते हैं। कृपया खुद भी इसका फायदा उठाएं और ज्यादा से ज्यादा लोगों को फॉरवर्ड करें।
💞💕जिस प्रकार यशोदा मैया ने नन्हे कान्हा को अपने हृदय में बसाकर अनगिन प्रेम बरसाया, वैसे ही हमें भी अपने सतगुरु को उसी रूप में, अपने हृदय के लाल के रूप में देखना चाहिए। यह भाव साधारण नहीं है—यह सबसे पवित्र, सबसे निर्मल और सबसे कोमल भक्ति है।🩷🩷💞💕💞💕💓💓
वात्सल्य भक्ति में कोई स्वार्थ नहीं होता, कोई अधिकार नहीं होता, कोई भय नहीं होता। इसमें केवल ममता होती है, केवल अपनापन होता है। जब साधक अपने सतगुरु को शिशु रूप में मानकर उन्हें वात्सल्य भाव से प्रेम करता है, तो उसका हृदय निहायत कोमल और पवित्र बन जाता है। उसके भीतर का कठोरपन गलने लगता है और उसमें करुणा, सरलता और निष्कपटता का प्रकाश भर जाता है।💓💓💕💞
माँ-बाप अपने बच्चे को कभी बोझ नहीं मानते, उसकी सेवा में ही अपना आनंद देखते हैं। ऐसे ही जब हम अपने सतगुरु को कान्हा रूप में मानकर सेवा, भक्ति और नाम-स्मरण करते हैं, तो उसमें ही हमें सच्चा सुख, अमिट शांति और दिव्य आनंद मिलने लगता है। यह भाव हमें अहंकार से दूर ले जाता है और हमारी आत्मा को सतगुरु से अटूट रूप से जोड़ देता है।💕💞💕💞💞
सतगुरु के नन्हे कान्हा रूप का चिंतन हमारे मन को रस से भर देता है। यह प्रेम साधक के भीतर निरंतर एक ऐसी धारा प्रवाहित करता है, जो उसकी आत्मा को पवित्र कर उसे सीधा परमात्मा के चरणों की ओर ले जाती है। 🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹
File:19
Time :31:54
✨ वात्सल्य भक्ति वह दिव्य अमृत है, जो साधक के हृदय को निर्मल करता है, उसके जीवन को मधुर बनाता है और सतगुरु से उसका अटूट मिलन करा देता है। ✨🙏🏻🌹💞💕💓
इस प्यारे ध्यान-सत्संग का अनुभव स्वयं करियेगा।
प्रेम सहित जय सचिदानंद जी
धन्यवाद🙏🙏🌹
इसी तरह के प्रेम भक्ति के वीडियो के लिए गुरु भक्ति, सत्संग, मैडिटेशन, ध्यान योग, सतगुरु जी की लीलाओं पर आधारित हमारा भक्ति चैनल subscribe कर लीजिए!