
ॐ श्री परमहंसाय नमः
मेरे परमहंस महाराज ! मेरे आध्यात्मिक यात्रा के पथ प्रदर्शक ! मेरी आध्यात्मिक यात्रा आपसे शुरू होती है। आप ही मेरे गंतव्य हैं। आशीर्वाद दें कि मैं आपके बताए पांचों नियमों का दृढ़ता से पालन कर सकूं। मैं आपके श्री पावन चरणों में साष्टांग प्रणाम करती हूं। ॐ श्री परमहंसाय नमः।
मेरे सुखदाता, मेरे दुःखभंजन ! आप तीनों लोकों के स्वामी हैं। सुख के सागर हैं। आप का सुमिरन मेरे त्रय ताप को शांत करें। आपका अजपा जाप मेरी सांसों में जीवन भर दे। मैं आपके श्री पावन चरणों में साष्टांग प्रणाम करती हूं। ॐ श्री परमहंसाय नमः।

मेरे समरथ सद्गुरू ! मेरे सच्चिदानंद स्वामी ! सत्- चित्- आनंद के आकाश को छूने की मेरी तमन्ना है। सारा गगन मार्ग मेरी उड़ान के लिए खाली कर दें। मेरे पंखों में ताकत भर दें। आपकी करुणा से मेरे लिए कुछ भी दु:साध्य नहीं है। मेरे कर्ता भाव को संस्कारित करें। मैं आपके श्री पावन चरणों में साष्टांग प्रणाम करती हूं। ॐ श्री परमहंसाय नमः।
हे कृपा सिंधु ! हे मेरे परमहंस महाराज ! आप ब्रह्मांड के सार हैं। हे ज्योतिपुंज ! तम अज्ञान मिटाकर आतम ज्ञान प्रदान करें। अनहद अहद में स्थापित हो जाए। मैं आपके श्री पावन चरणों में साष्टांग प्रणाम करती हूं। ॐ श्री परमहंसाय नमः।
हे चिदानंद देह के स्वामी ! हे मेरे सद्गुरू ! आपकी आंखों में मैं निज स्वरूप पा जाऊं। सूरत में सुरती के दर्शन करूं। आपकी वाणी में अनहद का संगीत सुनूं। मैं आपके श्री पावन चरणों में साष्टांग प्रणाम करती हूं। ॐ श्री परमहंसाय नमः।
हे इंद्रियातीत ! हे कालातीत ! मेरी सभी इंद्रियों के विषय आप हैं। युगों-युगों से आप मेरे अंग-संग हैं। हे बक्शनहार ! मेरी गलतियों को क्षमा करें। पुत्री कुपुत्री हो सकती है। पिता कुपिता नहीं हो सकता, माता कुमाता नहीं हो सकती। महतारी बन मेरी रक्षा करें। पिता बन मेरी ताकत बनें। मैं आपके श्री पावन चरणों में साष्टांग प्रणाम करती हूं। ॐ श्री परमहंसाय नमः।
हे परमहंस महाराज ! हे सत्यम् शिवम् सुंदरम् ! आप अजर, अमर, निरंतर हैं। आप शिवकारी हैं। आपका जगत सौंदर्य से आप्लावित है। आप मेरे कल्याण मित्र हैं। शिव रूप में मेरे हृदय में जो स्थित हैं, वे ही मेरे सद्गुरू हैं।आप कृपा करें कि मैं सत्मार्ग पर चलकर अपनी आध्यात्मिकता की उत्कृष्टता पा सकूं। मैं आपके श्री पावन चरणों में साष्टांग प्रणाम करती हूं। ॐ श्री परमहंसाय नमः।
हे निराकार साकार ! हे मेरे परमहंस स्वामी ! आप असीम हैं। आप विराट हैं। आप त्रिगुणातीत हैं। आपकी स्मृति से मेरे सभी चक्र संतुलित हो जाते है। मुझे आशीर्वाद दें कि मैं आपका यशोगान कर सकूं। मेरी विरुदावली गायन की कोई सीमा नहीं हो।मैं आपके श्री पावन चरणों में साष्टांग प्रणाम करती हूं। ॐ श्री परमहंसाय नमः।
हे अद्वैत दर्शन के संस्थापक ! आप सभी द्वंदो से मुक्त हैं। रवि-शशि गगन पटल पर एक साथ नहीं रहते। आपके मस्तक पर सूर्य-चंद्र दोनों ही शोभायमान हैं। आप समदर्शी हैं। जाति भेद, लिंग भेद से परे हैं आप। जो भी आपकी शरण में आता है, उसे भक्ति से निहाल कर देते हो। मैं आपके श्री पावन चरणों में साष्टांग प्रणाम करती हूं। ॐ श्री परमहंसाय नमः।
हे कर्णधार ! हे खेवनहार। मेरी पतवार आपके हाथ में है। मेरी जीवन नैया पाप के बोझ से दबकर डूब रही है। विकारों का जाल बिछा हुआ है। चित्त में विश्राम भर दें। विचारों के भव सागर से मुक्त कर दें। मेरे तन- मन को पावन कर दें। मैं आपके श्री पावन चरणों में साष्टांग प्रणाम करती हूं। ॐ श्री परमहंसाय नमः।
हे परम दयालु ! हे महा उपकारी मेरे परमहंस महाराज ! आपकी कृपा से संपूर्ण सृष्टि आपकी कृतज्ञ है। आपकी कृपा से देवताओं को भी दुर्लभ यह मानुष देह मिली है। आपकी पद रज से मेरे माथे के कुअंक मिट जाएं। हे परमार्थ अवतारी पूर्ण सद्गुरु ! स्वार्थ की संकुचित परिधि से परमार्थ के केंद्र की ओर मेरी गति हो। मैं आपके श्री पावन चरणों में साष्टांग प्रणाम करती हूं। ॐ श्री परमहंसाय नमः।
हे आनंदसिंधु ! गुणों की खान मेरे परमहंस महाराज ! मुझमें अपने सारे गुण भर दो। मैं एक छोटी-सी लहर हूं। आपकी वंशज हूं, आपकी ही अंश हूं मेरे गुरूदेव। आपकी गोद में अठखेलियां करती हूं। आप शांत हो, परम शांत हो। मुझे आशीर्वाद दें कि मैं कभी अपनी सीमा को नहीं लांघू। आपसे दूर रहकर मेरा अस्तित्व नहीं है। मुझे चैतन्य कर दें, मेरी बुद्धि को निर्मल कर दें, में अपनी सहजता को पा सकूं। हे सुख के भंडारी ! मेरी आत्मा आप में एकात्म भाव में स्थित हो जाए। मेरी आत्मा नर्तका बन जाए। आपकी वाणी में में अनहद की धुन सुन सकूं। मैं आपके श्री पावन चरणों में साष्टांग प्रणाम करती हूं। ॐ श्री परमहंसाय नमः।
सुन्दर भावों से ओतप्रोत यह लेख दिल की गहराई में उतरता है। बेहद शुक्राना इतनी सरलता से इतने सुंदर शब्दों में श्री गुरु महाराज जी के गुणों कि व्याख्या करने के लिए। कोटी कोटी नमन।
Bhav purn prathna Guru charno me