
EFT (इमोशनल फ्रीडम टेक्निक) एक मनोवैज्ञानिक एक्यूप्रेशर तकनीक है जिसका उपयोग भावनात्मक और शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इसे अक्सर “टैपिंग” भी कहा जाता है क्योंकि इसमें शरीर के विशिष्ट मेरिडियन बिंदुओं पर उंगलियों से टैप करना शामिल है, जबकि व्यक्ति उस विशेष समस्या पर ध्यान केंद्रित करता है जिसे वे संबोधित करना चाहते हैं।
EFT तकनीक कैसे काम करती है:
EFT पारंपरिक चीनी चिकित्सा के सिद्धांतों पर आधारित है, जो मानता है कि शरीर में ऊर्जा मार्ग या मेरिडियन होते हैं। नकारात्मक भावनाएं और शारीरिक समस्याएं इन ऊर्जा मार्गों में रुकावटों का परिणाम मानी जाती हैं। EFT टैपिंग इन रुकावटों को दूर करने और ऊर्जा के प्रवाह को बहाल करने में मदद करती है, जिससे भावनात्मक और शारीरिक राहत मिलती है।
EFT के मुख्य चरण:
- समस्या की पहचान: उस विशिष्ट समस्या या भावना पर ध्यान केंद्रित करें जिसे आप संबोधित करना चाहते हैं। इसे 0 से 10 के पैमाने पर इसकी तीव्रता को मापें, जहाँ 10 सबसे तीव्र है।
- सेटअप: कराटे चॉप पॉइंट (हाथ के किनारे, छोटी उंगली के नीचे) पर टैप करते हुए एक “सेटअप स्टेटमेंट” तीन बार दोहराएं। इस स्टेटमेंट में समस्या और स्वयं की स्वीकृति का एक पहलू शामिल होता है। उदाहरण के लिए: “भले ही मुझे [समस्या] महसूस हो रहा है, मैं खुद को पूरी तरह से स्वीकार करता/करती हूँ।”
- टैपिंग सीक्वेंस: निम्नलिखित नौ मेरिडियन पॉइंट्स पर अपनी उंगलियों के पोरों से लगभग 5-7 बार टैप करें। टैप करते समय, अपनी समस्या के बारे में सोचते रहें या एक “रिमाइंडर वाक्यांश” दोहराएं जो आपकी समस्या को संक्षिप्त रूप से याद दिलाता है।
- भौंह (EB): नाक के पुल के पास, भौंह की शुरुआत में।
- आँख का किनारा (SE): आँख के बाहरी कोने पर, हड्डी पर।
- आँख के नीचे (UE): आँख के नीचे, गाल की हड्डी पर।
- नाक के नीचे (UN): नाक और ऊपरी होंठ के बीच के क्षेत्र में।
- ठोड़ी (CH): ठुड्डी और निचले होंठ के बीच के क्रीज में।
- कॉलरबोन (CB): कॉलरबोन के नीचे, उरोस्थि के पास।
- अंडरआर्म (UA): बगल से लगभग चार इंच नीचे, जहाँ ब्रा स्ट्रैप होती है (महिलाओं के लिए)।
- सिर का शीर्ष (TOH): सिर के बिल्कुल ऊपर।
- कराटे चॉप (KC): हाथ का किनारा, छोटी उंगली के नीचे (सेटअप के लिए इस्तेमाल किया गया)।
- 9 गैमट प्रक्रिया (वैकल्पिक): कुछ प्रोटोकॉल में नौ क्रियाओं की एक श्रृंखला शामिल होती है जो टैपिंग सीक्वेंस के बीच की जाती है। इसमें एक बिंदु पर टैप करना, आँखें घुमाना, गुनगुनाना और गिनना शामिल है।
- गहरी साँस: टैपिंग सीक्वेंस पूरा करने के बाद गहरी साँस लें और छोड़ें।
- मूल्यांकन: अपनी समस्या की तीव्रता को फिर से 0 से 10 के पैमाने पर मापें। यदि आवश्यक हो तो आप प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं जब तक कि तीव्रता कम न हो जाए या आप बेहतर महसूस न करें।
EFT के संभावित लाभ:
EFT का उपयोग विभिन्न भावनात्मक और शारीरिक समस्याओं के लिए किया जाता है, जिनमें शामिल हैं: - तनाव और चिंता
- अवसाद
- पीटीएसडी (पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर)
- डर और भय
- दर्द प्रबंधन
- नींद की समस्या
- वजन प्रबंधन
- प्रदर्शन में सुधार
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि EFT एक पूरक तकनीक है और इसे चिकित्सा या मनोवैज्ञानिक उपचार की जगह नहीं लेनी चाहिए। यदि आप किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं, तो हमेशा एक योग्य पेशेवर से सलाह लें। हालांकि, कई लोग EFT को अपनी समग्र कल्याण रणनीति के एक सहायक उपकरण के रूप में प्रभावी पाते हैं। - https://youtu.be/iayw-zSHyCU?si=NqMhTZr-Jb8Fsdix