
आत्म खोज :: मैं कौन हूं?
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“अध्यात्म का अर्थ है खुद के बारे में सब कुछ जान लेने की चाह। ऐसा क्या है, जो हमें खुद को जानने के लिए प्रेरित कर सकता है”
🔰क्या आपने कभी सोचा है की आपका जन्म क्यों हुआ है?
🔰कौन हैं आप?
🔰आपका नाम ,पद काफी है आपकी पहचान के लिए ?
बिल्कुल भी नहीं ,यह तो इस देह की पहचान मात्र है क्योंकि यहां बात आपके शरीर की पहचान की नहीं की जा रही है,यहां आपके उस परमतत्व के परिचय की हो रही है हो रही है जो सभी जीवों में विद्यमान है,जिसके होने से ही आपकी देह है ,जिसको जानने की हमने कभी कोशिश ही नहीं की!
वो परमतत्व जिसके होने से आपने अस्तित्व की पहचान है,जब तक वो तत्व यानी हमारी आत्मा विद्यमान है तब तक ही आप हैं,जिस दिन उसने खुद को इस देह से अलग किया ,ये देह निष्प्राण होकर पड़ी रह जाएगी।
आध्यात्मिक रूप से मैं कौन हूँ?
आध्यात्मिक रूप से, यह प्रश्न हमें अपने अस्तित्व के गहरे अर्थ और उद्देश्य को समझने के लिए प्रेरित करता है। यह प्रश्न हमें अपने जीवन के उद्देश्य, अपने मूल्यों और अपने संबंधों को समझने में मदद करता है।
आध्यात्मिक रूप से स्वयं को समझने के लिए कुछ प्रश्न:
- मेरा उद्देश्य क्या है?: मेरा जीवन का उद्देश्य क्या है? मैं इस दुनिया में क्या हासिल करना चाहता हूँ?
- मेरी आत्मा क्या चाहती है?: मेरी आत्मा क्या चाहती है? मैं अपने जीवन में क्या अनुभव करना चाहता हूँ?
- मैं अपने आप से कैसे जुड़ सकता हूँ?: मैं अपने आप से कैसे जुड़ सकता हूँ? मैं अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को कैसे समझ सकता हूँ?
- मेरे जीवन में क्या महत्वपूर्ण है?: मेरे जीवन में क्या महत्वपूर्ण है? मैं किन मूल्यों और सिद्धांतों को महत्व देता हूँ?
आध्यात्मिक रूप से स्वयं को समझना एक गहरी और व्यक्तिगत यात्रा है जो हमें अपने जीवन के उद्देश्य और अर्थ को समझने में मदद करती है। यह यात्रा हमें अपने आप से जुड़ने, अपने मूल्यों और सिद्धांतों को समझने और अपने जीवन को अर्थपूर्ण बनाने में मदद करती है।
आइए इस गाइडेड मेडिटेशन की मदद से हम खुद को जानने का प्रयास करते हैं,यदि आपने इस मेडिटेशन को भलीभांति कर लिया तो आपको स्वयं के दर्शन हो जाएंगे!