
— एक भक्ति, श्रद्धा और आत्मज्ञान से भरपूर लेख
“गुरु” — जीवन रूपी अंधकार में वह दीपक हैं, जो आत्मा को मोक्ष के मार्ग पर ले जाते हैं।
उनके चरण केवल प्रतीक नहीं, बल्कि परम तत्त्व का आधार हैं। इन्हीं चरणों की महिमा का स्तुति-गान है —
“गुरुपादुकाष्टक” — आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक दिव्य, शक्तिशाली और भावमय स्तोत्र।
गुरुपादुकाष्टक क्या है?
गुरुपादुकाष्टक (गुरु + पादुका + अष्टकम्) का अर्थ है —
गुरु की पावन पादुकाओं (चरणों) की आठ श्लोकों में स्तुति।
यह स्तोत्र गुरु की महिमा, कृपा, और उनके चरणों की शक्ति का वर्णन करता है।
ये पादुकाएँ हैं:
जीवन-सागर से पार कराने वाली नौका ⛵
ज्ञान का अमृत देने वाली देवी ☀️
अहंकार और अज्ञान का नाश करने वाली तलवार ⚔️
वैराग्य और विवेक की जननी 🕉️
प्रमुख भाव और श्लोकों का सार
1 अनन्त संसार से पार लगाने वाली नौका
“अनन्तसंसारसमुद्रतारण…”
गुरुचरण संसार-सागर को पार कराने वाली नौका हैं।
भक्ति और वैराग्य का वरदान देती हैं।
(जीवन नैया पार लगती है जब गुरुचरणों का साथ हो!)
2 बुद्धि और वाणी को प्रकाशित करने वाली
“कवित्ववाराशिनिशाकराभ्यां…”
गुरु की पादुकाएँ चंद्रमा की तरह शीतल और ज्ञानदायिनी हैं।
दुर्बलता को दूर कर, दिव्यता प्रदान करती हैं।
3 दरिद्रता का नाश, वाणी का वरदान
“नताययोः श्रीपतितं समीयु:…”
जो इन चरणों में नतमस्तक होता है,
वह वैभव, वाणी और विवेक का स्वामी बनता है।
4 मोह और अज्ञान से मुक्ति
“नानाविमोहादिनिवारिकाभ्याम्…”
गुरुचरण कमल के समान हैं –
मोह, भ्रम और अज्ञान को हर लेते हैं।
5 राजयोग और आत्मबल
“नृपस्वराज्यदनुयोगदाभ्याम्…”
पादुकाएँ आत्मबल देती हैं —
राजाओं जैसा संकल्प और वैराग्य की शक्ति।
6️⃣ समाधि का वरदान
“समाधिसिद्धिप्रदवैभवाभ्यां…”
गुरुचरणों में ध्यान से ही आत्मा को
समाधि की गहराइयाँ छूने को मिलती हैं।
7️⃣ इच्छा-पूर्ति और हृदय की शुद्धि
“अखिलेष्टदाभ्यां… स्वान्ताच्छभावप्रदाभ्यां…”
गुरु की पादुकाएँ इच्छाओं को पूर्ण करती हैं
और हृदय को निर्मल एवं सात्विक बनाती हैं।
8️⃣ मोक्ष का द्वार खोलने वाली
“कामादिसर्पव्रजगारुडाभ्यां…”
जो काम, क्रोध, मोह जैसे सर्पों से रक्षा करें,
वही गुरुचरण हैं — मोक्ष का अंतिम द्वार।
गुरुपादुकाष्टक पाठ के लाभ
🪷 आध्यात्मिक उन्नति: आत्मा की तरंगें गुरु की ऊर्जा से जुड़ती हैं।
🧘♂️ मानसिक शांति: चिंताओं का नाश, शांति का वास।
⚡ ऊर्जा जागरण: साधक के भीतर ब्रह्मतेज का संचार।
⛵ जीवन मार्गदर्शन: गुरुचरण पथदर्शक बनते हैं।
❤️ भक्ति और समर्पण: प्रेम, श्रद्धा और आत्मा का सच्चा झुकाव।
गुरुचरणों का अर्थ क्या है?
ग (ज्ञान) + रु (रक्षक) = गुरु
गुरु का एक स्पर्श, एक दृष्टि, एक स्मरण —
पूर्ण जीवन को रूपांतरित कर सकता है।
“गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः…”
यह केवल श्लोक नहीं, आध्यात्मिक जीवन का सूत्र है।
निष्कर्ष :
गुरुपादुकाष्टक केवल एक स्तोत्र नहीं,
यह है —
भक्ति का सेतु,
ज्ञान की सीढ़ी,
और
मोक्ष का द्वार।
जो भी इसे श्रद्धा से पढ़ता है,
उसका जीवन गुरुचरणों की कृपा से
कृतार्थ हो जाता है।
आप भी हर सुबह इस स्तोत्र का पाठ करें…
और अनुभव करें वो शक्ति जो आत्मा को अंतरिक्ष से जोड़ती है!
॥ नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥
जय गुरुदेव!
शुभमस्तु!