
🌸 ॐ श्री परमहंसाय नमः 🌸
जीवन में सबसे गहरी पीड़ा तब होती है जब हमें लगता है कि हमारी कदर नहीं हो रही। कई लोग टूट जाते हैं, कई रो पड़ते हैं, कुछ अपना आत्मविश्वास खो बैठते हैं, और कुछ अपने ही अस्तित्व से नफरत करने लगते हैं। लेकिन सत्य यह है कि दूसरों की सराहना या अपमान हमारी आत्मा का प्रमाण नहीं है। यह केवल उनकी दृष्टि की सीमा है।
हीरे की पहचान
एक किसान अगर खेत में हीरा देखे तो उसे साधारण पत्थर समझ लेगा। क्योंकि उसकी नजर केवल हल चलाने की है। उसी प्रकार यदि कोई आपकी भलाई का फायदा उठाता है या आपकी अच्छाई को नजरअंदाज करता है, तो इसका अर्थ यह नहीं कि आप कमजोर हैं। इसका अर्थ केवल इतना है कि आप गलत स्थान पर अपना प्रकाश बाँट रहे हैं।
भगवान की दृष्टि
ध्यान रखना – स्वयं भगवान भी सबकी कदर नहीं करते। वे उन्हीं की ओर देखते हैं जो उन्हें पुकारते हैं, प्रेम से अपनाते हैं। इसीलिए जब कोई आपकी कदर न करे, तो दुखी होने के बजाय इन तीन बातों को अपनाइए:
- चुपचाप कर्म करते रहो – जो आज आपको नहीं समझेगा, कल वही पछताएगा।
- मन को प्रभु की ओर मोड़ो – टूटे हुए मन को जोड़ने की शक्ति केवल भगवान के नाम में है।
- आत्मसम्मान को दूसरों से मत जोड़ो – आपकी कीमत आपके सत्कर्मों से तय होती है, न कि लोगों की तालियों से।
तुलसीदास जी का ज्ञान
तुलसीदास जी कहते हैं –
“जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।”
यदि किसी की भावना में ईर्ष्या है, तो आपका पुण्य भी उन्हें अपराध लगेगा। यदि किसी की दृष्टि में अहंकार है, तो आपकी विनम्रता भी उन्हें चापलूसी लगेगी।
असली समाधान – नाम जप
जब कोई आपकी कदर न करे तो स्मरण रखें –
🙏 नाम में ही सम्मान है।
🙏 नाम में ही समाधान है।
🙏 नाम में ही वह दृष्टि है जो आपकी आत्मा की चमक को पहचानती है।
साधक के लिए संदेश
एक साधक तब तक सच्चा साधक नहीं बन सकता जब तक वह लोगों की राय से ऊपर उठना न सीख ले। इसलिए आज से संकल्प लो –
मैं अब किसी से अपनी कदर करवाने की कोशिश नहीं करूंगा।
मैं स्वयं को प्रभु को समर्पित करूंगा।
मैं अपने कर्म, प्रेम, ध्यान और नाम जप से इतना तेजस्वी बनूंगा कि भले ही दुनिया न पहचाने, पर ईश्वर का आशीर्वाद सदा मेरे साथ रहेगा।
निष्कर्ष
प्रिय भक्तों, जब लगे कि कोई आपकी कदर नहीं करता, तो प्रभु का स्मरण कर लेना। वहां आपका हर आंसू पूजा बन जाता है, हर मौन मंत्र बन जाता है और हर अकेलापन भगवान का आलिंगन बन जाता है।
👉 याद रखो – आपकी असली पहचान लोगों के शब्दों में नहीं, बल्कि आपके मन के नाम जप में है।
ॐ श्री परमहंसाय नमः 🙏