
बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरुमहाराज की जय। 🙏🌹💐🌹🙏
श्री गुरुमहाराज जी ने जो पांच नियम हमें बताये है वो कितने प्रैक्टिकल है। हमारे श्री सतगुरु महाराज जी कहते है की संसार को छोड़ कर नहीं पर संसार में रह कर भक्ति करो। बिलकुल प्रैक्टिकल भक्ति सिखाते है।
गीता ग्रंथ में कहा गया है की “कर्म करो और फल की इच्छा मत करो।” इस ज्ञान को गुरुमहाराज जी समजाते है की सेवा करो पर निश्वार्थ भाव से। केवल एक गुरु मंत्र है जो सारे दुखो का मूल है। हम अपेक्षा हमेशा लगाए रखते है की अब रिजल्ट आएगा और दुखी हो जाते है। और फरमाते है की जैसे ही हम फल की इच्छा करते है वही दुःख का कारण बन जाता है। पर हमें अबसे अपेक्षाए काम करनी है और गुरुमहाराज जी के उपर छोड़ देना है. अबसे हमें धन्यवाद भाव से भर जाना है की जो भी हुआ अच्छा हुआ, शुक्राना भाव के साथ और दुखो से मुक्ति निश्चित है ।
Practical Bhakti
Time: 32:59
ये प्रैक्टिकल सत्संग जरूर सुनिएगा।
प्रेम सहित जय सचिदानंद जी.
धन्यवाद🙏🌹🙏