
💫💫💫(प्रेम समर्पण) 💫💫💫
बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरु महाराज की जय🙇♀️🙇♀️
आज का यह प्रेमपूर्ण सत्संग जरूर सुनें और लोगो को भी फॉरवर्ड करें!
भक्ति का आधार होता है समर्पण
सम्पूर्ण समर्पण तभी हो सकता है जब हमारी (होमय ) खत्म होगी !🙏🏻🌷✨💫
“जब मैं और तुम मिलकर हम हो जाएं“🌹🌹🌹
File:341(प्रेम की मर्यादा)
Time:27:32
हमें भी अपनी होमय को भूलकर प्रियतम प्रभु के प्रेम को पाना है!
हमारा भी एक ही प्रियतम है वो हारा वाला ,जिनके प्रेम में अपना तन मन धन सर्वस्व अर्पण किया जाना चाहिए!💫🌷✨🌹
सतगुरु का प्रेम पाने का एक सहज तरीका है उनके प्रेम में रोया जाए,उनकी मूरत का ध्यान करके उन्हें याद करके रोना आता है?🌹🙏🏻🙏🏻🌹
क्या कभी अपने प्रियतम प्रभु को याद करके उनकी याद में हमारी आंखों में आंसू आते हैं?
प्रेम के बिना किसी भी बात का कोई महत्व नहीं,क्या हम सतगुरु के प्रति प्रेम भाव रखते हैं? 🌹🙏🏻🌹🙏🏻
“बस सतगुरु से प्रेम किया जाए,प्रेम प्रेम और प्रेम बस सतगुरु से प्रेम बाकी सब मिल जाएगा,पूरे दिन में एक प्रयास की एक बार तो उनकी याद में हमारे आंसू आएं”गुरु महाराज जी की कृपा से हम भी उस प्रेम की रीत को समझ पाएं!🌹🌹🌹